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प्यार मोहब्बत इक धोखा है। भाग - 3
शुरूवाती दौर से, गुजरे जब हम
सोचा रब से कोई,उपहार मिला
उसकी अदाओं से, लगा था ऐसे
स्वर्ग परी ने कोई, श्रृंगार किया,
आकर मेरी बंजर दुनिया में कोई
रोपा प्यार का पौधा है
इक अरसे के बाद है जाना
प्यार मोहब्बत इक धोखा है।
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