उस दिन का इंतजार है।

उस दिन का इंतजार है,
जब कर्म रंग दिखायेगा
जिसने खेला दिल से मेरे
वो भी किसी का खिलौना बन जायेगा

लेखक:- विजय बिन्दास राजा

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